सोमवार, 20 सितंबर 2010

ज़िन्दगी में बस एक आस है
सोचता रहता हूँ की कब बदलाव आएगा!!
हो सकता है परिवर्तन के इंतज़ार में साल गुज़र जायेगा
लेकिन फिर भी, उम्मीद नहीं खोनी है
परिवतन आएगा और ज़रूर आएगा!!

सिस्टम बदलेगा इंसान बदल जायेगा
समाज में एकजुटता आएगी
कोई मुसलमान न कोई सिख रह जायेगा
बस इसी आस में बैठा
सोचता रहता हूँ की एक दिन सब बदल जाएगा

न कोई अमीर न कोई गरीब रह जाएगा
इंसान जल्द ही इंसानियत
की तरफ अपना कदम बढ़ाएगा
जल्द ही हर इंसान बदल जाएगा
इसी आस में बैठा हूँ
की एक दिन सब बदल जायेगा!!

मुझे पता है बैठे रहने से
कुछ हासिल नहीं हो पायेगा
इक दिन मुझे, सारी दुनिया को जागना होगा!!
कदम से कदम मिला आगे बढ़ना होगा,
परिवर्तन की तरफ
और फिर ज़रूर बदलाव आएगा!!

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